The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
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एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
लिङ्गाष्टकम्
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी Shiv chaisa ।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
On Trayodashi (13th day with the dim and dazzling fortnights) a person must invite a Shiv chaisa pandit and devotely make offerings to Lord Shiva. Individuals Shiv chaisa who quickly and pray to Lord Shiva on Trayodashi are usually wholesome and prosperous.
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।